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मंगलवार, 2 जून 2015

माता की भेंट - 59



आज दया कर मुझ पर मैया,  सुनले करुंण पुकार हो 
नैया फंसी भंवर में मेरी,  करदे इसको पार हो 

तुम महाकाली , तुम चामुंडा  तुम ही मात भवानी हो 
तुम हो दीन दुखी की पालक,  तुम दुर्गा महारानी हो 
मम जीवन की तुम रखवाली, तुम मेरी आधार हो 

तेरे नाम की जोत जलाकर ,  पापी भी तर जाते है 
सुख पाते है  वो जीवन में , जो तेरा गुण गाते है 
तुम ही पालक हो भक्तो की , तुम देवी साकार हो 

अष्ट भुजा से दुष्ट खपाकर , पहनी मुण्डनमाला  है  
सिह वाहिनी खड्ग धारिणी , रूप तेरा विकराल है 
मैया दया की दृष्टि डालो, तुम आशा का तार हो 

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