माँ जी दुखड़े दूर करो , भगत खड़ा फरियाद करे
माँ जी दुखड़े दूर करो
तुम मैया जगदाती हो , सबके कष्ट मिटाती हो
दया दास पर करदो माँ , खाली झोली भरदो माँ
मै सेवक हूँ चरणों का , चरणो में मिट जाऊँगा
भूला भटका फिरता हूँ , सम्भल सम्भल के गिरता हूँ
मेहर जो तेरी हो जाये , बिगड़ी मेरी बन जाये
तार दे तारणहारी माँ, बक्श दे बक्शनहारी माँ
कबसे अर्ज करे दुखियारा , अब तो मेरे कष्ट हरो माँ जी दुखड़े दूर करो
दर ते खड़ा भिखारी है , आस दर्श की भारी है
दूर से चलकर आया है , एक ही आशा लाया है
सोना चांदी चाहूँ न , पाप बक्श दे मेरे माँ
आ जाओ माँ आँखों में , मुझे बिठा लो चरणो में
सब दुनिया को छोड़ दिया , तुमरे दर पे आन पड़ा
तुमने करम कमाया न, अपने गले लगाया न
देर करो न मेहर करो,दासी के सिर हाथ धरो माँ जी दुखड़े दूर करो
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