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गुरुवार, 4 जून 2015

माता की भेंट - 92



माँ मेरी विपदा दूर करो,  माँ मेरी विपदा दूर करो 
तेरी शरण में अाया हूँ ,  आकर मेरे कष्ट हरो 

तू ही अम्बे काली है 
दुखड़े हरने वाली है 
चरण पड़े की लाज रखो  माँ मेरी विपदा दूर करो 

भक्तो ने तुझे पुकारा है 
तूने दिया सहारा है 
विनती पे मेरी ध्यान धरो  माँ मेरी विपदा दूर करो 

शरण तुम्हारी आये है 
इस जग के ठुकराये है 
पाप ताप सन्ताप हरो  माँ मेरी विपदा दूर करो 

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