वो खुशनसीब है जिसको तुम्हारा द्वार मिला
नसीब चमका और चैन बेशुमार मिला
ज़माने भर की हमने तो खाई ठोकर
तेरी शरण में आके ज़रा करार मिला
किये सितम जो ज़माने ने कैसे बतलाये
मिला सकून जो मुझको तेरा दुलार मिला
मैया जी भूलकर तुम न कभी खफा होना
तेरे सिवा न मुझे कोई राज़दार मिला
तेरी शरण हूँ मैया तुम न मुझको ठुकराना
ज़माने भर से सिला गम का बार बार मिला
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