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सोमवार, 1 जून 2015

माता की भेंट - 56



शेरा वाली मेरी करतार , तुम्हारी गूंजे जय जयकार 
मेरी नैया लगादो पार , तुम्हारी गूंजे जय जयकार 

तेरे चरण का हूँ मै पुजारी, है बस मुझको आस तुम्हारी 
तू है दाता सारे  जग की,  मै हूँ दया का दीन भिखारी 
मैने लिया तेरा आधार 

तुमने ही पापी दुष्ट पछाड़े , सब भक्तो के कष्ट निवारे 
मुझको भी अब तारो मैया ,  मै आया हूँ द्वार तिहारे 
मेरे मन में जगादो प्यार 

शुम्भ निशुम्भ को तुमने मारा ,  ब्रह्मा का भी काज सवारा 
लाखो रूप बनाये तुमने , और धरती का भार उतारा 
कर मेरा मैया उध्दार 

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