तर्ज -----कभी तेरा दामन
मैया तेरे दर को न छोड़ेंगे हम , चाहे जमाना ढाए हमपे सितम
मैया तेरे दर को न छोड़ेंगे हम , वहीँ मेरी जन्नत जहां तेरे कदम
तेरे दर पे मैया आता रहूँगा , तेरे नाम के गुण गाता रहूँगा
तुझको ही मैया मनाता रहूँगा , होगा कभी तो मैया तेरा कर्म
मैया तेरे दर को न छोड़ेंगे हम
तेरी छाँव में मैया पलता रहूँगा , तेरा नाम लेके ही चलता रहूँगा
लगेगी जो ठोकर सम्भलता रहूँगा, कभी दूर होगा मैया मेरा भी गम
मैया तेरे दर को न छोड़ेंगे हम
तेरी आस मैया लगाता रहूँगा , जोत लगन की जलाता रहूँगा
नाम तेरे को ध्याता रहूँगा , टूटे न आस तेरी आया शरण
मैया तेरे दर को न छोड़ेंगे हम
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