तर्ज -----तेरा निखरा निखरा
मेरी मैया जी का द्वारा, लगता है भक्तो को प्यारा
मेरी माँ भोली भाली - करे जग की रखवाली
मेरी माँ के हाथो में सोहे कंगन सोने के
देखके जिनको फीके लगते रंग नगीनों के मेरी माँ भोली भाली
माँ मेरी के गले विराजे, फूलो की माला
कमर में करधनी नाक में नथनी झुमका है निराला मेरी माँ भोली भाली
पैरों में पायल छमछम बाजे , वीणा के सुर जैसे
अनहद कानो में गूंजे ऐसे, अमृत हो जैसे मेरी माँ भोली भाली
शत्रु माँ के रूप से डरकर, समर से सब भागे
माता जी के दर्श को करके सोये नसीब जागे मेरी माँ भोली भाली
हाथ में खंडा शेर सवारी , भक्तो को प्यारी
पवन रूप हो कष्ट मिटाये , भक्तन हितकारी मेरी माँ भोली भाली
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