तर्ज;------इस भरी दुनिया में
तेरे बिन माता मेरी, दिल को सहारा न मिला
किसको मै हाल सुनाऊँ , सुनने वाला न मिला
इक तेरे चरणो की धूलि की मुझे ख्वाहिश है
सारी दुनिया है पर कोई हमारा न मिला
तेरे चरणो के सिवा जाऊँ कहाँ मात मेरी
तेरे चरणो के सिवा कोई ठिकाना न मिला
दिल मेरा गम से भरा मैया जी अब रोता है
भंवर में डोल रहे है माँ किनारा न मिला
कब तलक नज़रे कर्म मुझपे न माँ होगी तेरी
शरण में ले लो मुझे कोई आसरा न मिला
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