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मंगलवार, 9 जून 2015

माता की भेंट - 148



मैया आ जाओ  दिखा जाओ 
तेरी राह तकत भई बावरिया 

मेरी मैया तू जल्दी आना , क्यों देर लगाई माँ ,
 माँ जगदम्बे आ जा अम्बे और न मुझे रुलाना 
जल्दी आ जाना, न अब मोहे तरसाना 
दे दे प्यार की अपनी तू छैंया

ये जग तो है झूठा सपना , न कोई यहाँ अपना माँ 
दुनिया छोड़ी तुम संग जोड़ा , मैया मैने नाता 
तुम न ठुकराना , पार लगा जाना ,
ये जग हे भूल भुलैया माँ 

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