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बुधवार, 29 मार्च 2017

माता की भेंट -- 4

तर्ज़ ------छुप गया कोई रे 

जगदम्बे शेरां वाली बिगड़ी सँवार दे         
नैया भँवर में मेरी सागर से तार दे 

मैं अज्ञानी मैया कुछ भी न जानू 
दुनिया के झूठे नाते अपना मैं मानू 
आके बचालो नैया भव से उबार दे 

लाखों की तूने मैया बिगड़ी बनाई 
फिर क्यों हुई है मैया मेरी रुसवाई 
लाज बचाले माता दुखड़े निवार दे 

जपूँ तेरा नाम मैया ऐसा मुझे ज्ञान दे
नाम न तेरा भूलूँ ऐसा वरदान दे 
आशा की जोत मेरे दिल में उतार दे 
@मीना गुलियानी 

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