इन अंधेरों में तुम यूँ न भटका करो
यहाँ की आबोहवा इतनी हसीन नहीँ
तुम्हारे पाँव के नीचे देखो ज़मीन नहीँ
पर तुम्हें मेरी बात का यकीन ही नहीँ
अपनी कांपती अँगुलियों को सेंक लो
इससे बेहतर लपट मिलेगी न कहीँ
तुम मेरा साथ देना ग़वारा न भी करो
मुझे मालूम है तुमसे गुज़र होगी नहीँ
तुम्हारे दिल की हालत सिर्फ जानता हूँ मैं
हर किसी के पास ऐसी नज़र होगी ही नहीँ
@मीना गुलियानी
यहाँ की आबोहवा इतनी हसीन नहीँ
तुम्हारे पाँव के नीचे देखो ज़मीन नहीँ
पर तुम्हें मेरी बात का यकीन ही नहीँ
अपनी कांपती अँगुलियों को सेंक लो
इससे बेहतर लपट मिलेगी न कहीँ
तुम मेरा साथ देना ग़वारा न भी करो
मुझे मालूम है तुमसे गुज़र होगी नहीँ
तुम्हारे दिल की हालत सिर्फ जानता हूँ मैं
हर किसी के पास ऐसी नज़र होगी ही नहीँ
@मीना गुलियानी
ऐसी नजर होगी ही नहीं रचना अच्छी है
जवाब देंहटाएंऐसी नजर होगी ही नहीं रचना अच्छी है
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