मेरा मन भी तलाशता रहता है
स्वच्छन्द उन्मुक्त सा आकाश
जिसमें सुबह सवेरे सूरज करे प्रकाश
शाम को पंछी घरौंदे में करें निवास
बच्चों की किलकारियों से गूँजे आकाश
दें वो भी अपनी उमंगों का आभास
प्रमुदित मन डोले आंगन में हर प्रभात
सन्ध्या में ईश्वर वन्दन का करें अभ्यास
हर चीज़ हो व्यवस्थित मन को भाये बात
स्वागत हो सद्व्यवहार से अपनत्व के साथ
@ मीना गुलियानी
स्वच्छन्द उन्मुक्त सा आकाश
जिसमें सुबह सवेरे सूरज करे प्रकाश
शाम को पंछी घरौंदे में करें निवास
बच्चों की किलकारियों से गूँजे आकाश
दें वो भी अपनी उमंगों का आभास
प्रमुदित मन डोले आंगन में हर प्रभात
सन्ध्या में ईश्वर वन्दन का करें अभ्यास
हर चीज़ हो व्यवस्थित मन को भाये बात
स्वागत हो सद्व्यवहार से अपनत्व के साथ
@ मीना गुलियानी
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