आज फिर कोई भूला अफसाना याद आया
मौसम जो गुज़रा दिन सुहाना याद आया
बीते सावन के दिन जब झूले पड़े थे बागों में
गीतों भर वो दिन तेरा मुस्कुराना याद आया
वो कलियों का खिलना वो हँसना वो मिलना
नज़रों का झुकाना बिजली गिराना याद आया
सुबकती सी आँखे महकती कम्पकंपाती साँसे
दबे पाँवों चलकर ज़मी को खुरचना याद आया
@मीना गुलियानी
मौसम जो गुज़रा दिन सुहाना याद आया
बीते सावन के दिन जब झूले पड़े थे बागों में
गीतों भर वो दिन तेरा मुस्कुराना याद आया
वो कलियों का खिलना वो हँसना वो मिलना
नज़रों का झुकाना बिजली गिराना याद आया
सुबकती सी आँखे महकती कम्पकंपाती साँसे
दबे पाँवों चलकर ज़मी को खुरचना याद आया
@मीना गुलियानी
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