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गुरुवार, 2 मार्च 2017

कान्हा तेरी मुरली बजी

कान्हा तेरी मुरली बजी धीरे धीरे
दिल में बजे सुर उतरे यमुना तीरे
चले आओ कान्हा इतना न सताओ
फिर से वो तान सुनाओ धीरे धीरे

जिसमें था खोया आज मेरा मन
भूली थी सुध बुध बावरा हुआ मन
छलकी मेरी गगरिया यमुना तीरे
सुनी तेरी मुरली जब धीरे धीरे

कहे तू कान्हा मोहे इतना सताये
करूँगी भरोसा कैसे समझ न आये
याद तेरी कान्हा हर पल रुलाये
सुनाओ बंसी की वो तान धीरे धीरे
@मीना गुलियानी 

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