रोज़ जब मेरा जब अँधेरे में सफर होता है
लगता है यातना का गहरा असर होता है
कभी सर पे कभी पाँव में कभी सीने में
कैसे बतायें कि कहाँ कहाँ पे दर्द होता है
दिल चाहता है उड़कर पहुँचे आशियाने में
क्या करें हमारे पास में टूटा पंख होता है
रहने के लिए मिट्टी का घरौंदा काफ़ी है
दिल में बेपनाह मुहब्बत से बसर होता है
@ मीना गुलियानी
लगता है यातना का गहरा असर होता है
कभी सर पे कभी पाँव में कभी सीने में
कैसे बतायें कि कहाँ कहाँ पे दर्द होता है
दिल चाहता है उड़कर पहुँचे आशियाने में
क्या करें हमारे पास में टूटा पंख होता है
रहने के लिए मिट्टी का घरौंदा काफ़ी है
दिल में बेपनाह मुहब्बत से बसर होता है
@ मीना गुलियानी
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