मैं तन्हा हूँ तुम्हारा तसुव्वर है
वक्त कुछ ठहर सा गया है
तुम्हारे पाँव के निशान खो गए
मैं सोच रहा हूँ कि कहाँ जाएँ
तुम अभी अभी तो गुज़रे थे
तुम्हारी महक हवाओं में है
इस गहन सन्नाटों के बीच
तुम्हारे चहकने की आवाज़ है
मैंने अपनी उम्र यूँ ही गुज़ार दी
इसी बात का ग़म सालता है
मुझे सिर्फ तन्हाई ही मिली
फ़ुरक़त का वो लम्हा न मिला
@मीना गुलियानी
वक्त कुछ ठहर सा गया है
तुम्हारे पाँव के निशान खो गए
मैं सोच रहा हूँ कि कहाँ जाएँ
तुम अभी अभी तो गुज़रे थे
तुम्हारी महक हवाओं में है
इस गहन सन्नाटों के बीच
तुम्हारे चहकने की आवाज़ है
मैंने अपनी उम्र यूँ ही गुज़ार दी
इसी बात का ग़म सालता है
मुझे सिर्फ तन्हाई ही मिली
फ़ुरक़त का वो लम्हा न मिला
@मीना गुलियानी
GOOD IDEA-ASHOK
जवाब देंहटाएं-TRANSLITERATION OF POEM-वो लम्हा न मिला—I DID NOT GET THE MOMENT
जवाब देंहटाएंमैं तन्हा हूँ तुम्हारा तसुव्वर है-IAM ALONE,I AM HAVING YOUR GLIMSE
वक्त कुछ ठहर सा गया है-THE TIME HAS BECOME STATIONARY
तुम्हारे पाँव के निशान खो गए- THE TIME HAS GRASSED THE WAYS
FROM WHERE YOU PASSED
मैं सोच रहा हूँ कि कहाँ जाएँ-I AM THINKING WHERE TO PROCEED
तुम अभी अभी तो गुज़रे थे
तुम्हारी महक हवाओं में है-YOUR SCENT IS PRESENT IN THE AIR
इस गहन सन्नाटों के बीच-AMONG THE INTENSE SILENCE,THE SOUND OF YOUR CHIRPING EXISTS
तुम्हारे चहकने की आवाज़ है
मैंने अपनी उम्र यूँ ही गुज़ार दी-I WASTED MY ENTIRE LIFE PURPOSELESSLY
इसी बात का ग़म सालता है-THE GRUDGE OF THIS THING HARASSES ME
मुझे सिर्फ तन्हाई ही मिली-I GOT LONELINESS ONLY
फ़ुरक़त का वो लम्हा न मिला-I DID NOT GET GET,THE MOMENT-OF IDLENESS
ASHOK KUMAR