माँ जगदम्बे जी के द्वार जो भी करता है पुकार
आस पुजाये, माँ अम्बे , सुन लेती है पुकार
माँ जगदम्बे की शान निराली
लौटा न खाली कोई यहाँ से सवाली
सुनके करुणा भरी पुकार ,शेरों पे होके सवार
आके अम्बा हर लेती सबके दुखड़े अपार
जो भी मैया जी की आस लगाए
मैया जी उसकी हर आस पुजाये
माँ की महिमा अपरम्पार ,प्रेम की शीतल चले फुहार
मैया अम्बे जगदम्बे ,कर देती भव से पार
राजा हो या कोई भिखारी
सब हैं बराबर यहाँ नरनारी
माँ के भरे हुए भंडार ,लेवे नाम जो होवे पार
माँ जगदम्बे जी भक्तों का करती है उद्धार
@मीना गुलियानी
आस पुजाये, माँ अम्बे , सुन लेती है पुकार
माँ जगदम्बे की शान निराली
लौटा न खाली कोई यहाँ से सवाली
सुनके करुणा भरी पुकार ,शेरों पे होके सवार
आके अम्बा हर लेती सबके दुखड़े अपार
जो भी मैया जी की आस लगाए
मैया जी उसकी हर आस पुजाये
माँ की महिमा अपरम्पार ,प्रेम की शीतल चले फुहार
मैया अम्बे जगदम्बे ,कर देती भव से पार
राजा हो या कोई भिखारी
सब हैं बराबर यहाँ नरनारी
माँ के भरे हुए भंडार ,लेवे नाम जो होवे पार
माँ जगदम्बे जी भक्तों का करती है उद्धार
@मीना गुलियानी
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें