वाह क्या यही है नारी का सम्मान
सदा से सहा है उसने इतना अपमान
करता रहा वो जुल्म और तू सहती रही
वो तो वहशी है और तू नादान
अरे ---ये तो है ---एक करोड़ का बंगला
सभी कुछ होने पर भी तू है कंगला
कितना बड़ा बनाया तेरा ये पिंजरा
फिर से क्या वही पाठ दोहराया जाएगा
फिर से तेरी हस्ती को मिटाया जाएगा
@मीना गुलियानी
बहुत सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंवाह अतिउत्तम।
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