शीशे का महल बना रहा हूँ
दिल अपना बहला रहा हूँ
मेरे सीने में बहुत दर्द भरा है
सबसे उसको छिपा रहा हूँ
सारा ज़माना है मुझसे बेखबर
उसको मैं आईना दिखा रहा हूँ
सबके ज़ज्बात पत्थर से हो गए
अपने ज़ख्मों को सहला रहा हूँ
किसी से शिकवा गिला न मुझे
अपने साये से लिपटा जा रहा हूँ
@मीना गुलियानी
दिल अपना बहला रहा हूँ
मेरे सीने में बहुत दर्द भरा है
सबसे उसको छिपा रहा हूँ
सारा ज़माना है मुझसे बेखबर
उसको मैं आईना दिखा रहा हूँ
सबके ज़ज्बात पत्थर से हो गए
अपने ज़ख्मों को सहला रहा हूँ
किसी से शिकवा गिला न मुझे
अपने साये से लिपटा जा रहा हूँ
@मीना गुलियानी
bahut dukh hai mere sene main
जवाब देंहटाएंphir bhi main muskura rha hoon
2apni chot ko ,jmane se chipa kr
sb ka dil behla rha hoon
u tube pr yh geet dhoondh lo--ashkon mein jo paya hai woh geeton mein diya hai-film-chandi ki dewaar-geetkar-sahir ludhiyanvi,singer-talat mehmood,m.d-datta ram
जवाब देंहटाएंबहुत ख़ूब ज़माने को आइना दिखा रहा हूँ ...
जवाब देंहटाएंअच्छे शेर ...
बहुत सुंदर मीना जी ।
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