बंजारा हूँ मैं गलियां कूचे घूमता हूँ
न हारा हूँ - बंजारा हूँ -बंजारा हूँ
घर बार नहीँ संसार नहीँ
करता मैं किसी से प्यार नहीँ
बोले जो प्रेम से तो मैं जग हारा हूँ
कोई मीत नही कोई प्रीत नहीँ
गाता रहता पर गीत यहीँ
सुनसान डगर अन्ज़ान नगर बेचारा हूँ
मस्ती में अपनी खोया हूँ
पर दिल ही दिल में रोया हूँ
वीरान नगर बेजान जिगर का मारा हूँ
कल क्या हो जाए किसको खबर
भूले हैं हम अब खुद की डगर
है नाव पुरानी मैं केवट बंजारा हूँ
@मीना गुलियानी
न हारा हूँ - बंजारा हूँ -बंजारा हूँ
घर बार नहीँ संसार नहीँ
करता मैं किसी से प्यार नहीँ
बोले जो प्रेम से तो मैं जग हारा हूँ
कोई मीत नही कोई प्रीत नहीँ
गाता रहता पर गीत यहीँ
सुनसान डगर अन्ज़ान नगर बेचारा हूँ
मस्ती में अपनी खोया हूँ
पर दिल ही दिल में रोया हूँ
वीरान नगर बेजान जिगर का मारा हूँ
कल क्या हो जाए किसको खबर
भूले हैं हम अब खुद की डगर
है नाव पुरानी मैं केवट बंजारा हूँ
@मीना गुलियानी
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