कल न जाने क्या बात हुई
तुमसे जो न मुलाक़ात हुई
हमने तो लाख पुकारा तुमको
तुमने न मुँह फेरके देखा मुझको
न जाने दिल ही दिल में क्या बात हुई
यूँ ही दिन ढल गया और रात गई
नींद आँखों से कोसोँ मेरी दूर हुई
तन्हाई भी मिलने को मजबूर हुई
ऐसे तुम यूँ छोड़के जाया न करो
जब पुकारूँ तुझे सामने आया करो
यादें तेरी दिल को बड़ा तड़पाती हैं
इस तरह दिल को दुखाया न करो
@मीना गुलियानी
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