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सोमवार, 14 नवंबर 2016

हरदम सहारा तेरा चाहिए

आसरा इस जहाँ का मिले न मिले
मुझको तेरा सहारा सदा चाहिए
चाँद तारे फलख पे दिखें न दिखें
मुझको तेरा नज़ारा सदा चाहिए

यहाँ खुशियाँ हैं कम और ज्यादा हैं गम
जहाँ देखो वहाँ पर हैं सितम ही सितम
मेरी महफ़िल में शमा जले न जले
मेरे दिल में उजाला तेरा चाहिए

कभी वैराग्य है कभी अनुराग है
जहाँ बदलें हैं माली वही बाग़ है
मेरी चाहत की दुनिया बसे न बसे
मेरे दिल में बसेरा तेरा चाहिए

मेरी धीमी है चाल और पथ है विशाल
हर कदम पर मुसीबत है तू ही सम्भाल
पाँव मेरे थके हैं चलें  न चलें
मुझको हरदम सहारा तेरा चाहिए
@मीना गुलियानी 

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