दिल की बात रही फिर दिल में
आज तलक भी जुबाँ पे न आई
कितनी बार मिले तुम मुझसे
कितनी बार मैं तुम तक आई
हर पल सोचा कहदूँ तुमसे
हर पल तुमसे ही सकुचाई
जोशे जवानी उमड़ी भी तो
लेकर रह गई वो अंगड़ाई
तेरी आँखे कुछ भीगी सी
मीठे सपनों से भर आई
बिन बोले समझ गए तुम
मैं तो कुछ समझा न पाई
चाँद हमारे ऑंगन उतरा
चाँदनी भी बरसाता रहा
प्यार का डोला संग में लेके
शीतल सी चली पुरवाई
@मीना गुलियानी
आज तलक भी जुबाँ पे न आई
कितनी बार मिले तुम मुझसे
कितनी बार मैं तुम तक आई
हर पल सोचा कहदूँ तुमसे
हर पल तुमसे ही सकुचाई
जोशे जवानी उमड़ी भी तो
लेकर रह गई वो अंगड़ाई
तेरी आँखे कुछ भीगी सी
मीठे सपनों से भर आई
बिन बोले समझ गए तुम
मैं तो कुछ समझा न पाई
चाँद हमारे ऑंगन उतरा
चाँदनी भी बरसाता रहा
प्यार का डोला संग में लेके
शीतल सी चली पुरवाई
@मीना गुलियानी
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