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गुरुवार, 24 नवंबर 2016

कौन हो तुम

कौन हो तुम जो मेरे हृदय में समाये हुए हो

कौन  जो मेरी कसक को बढाये हुए हो

कौन हो तुम जो अपनी मधुरता बढाये हुए हो

कौन हो तुम अपरिचित लोचनों में समाये हुए हो

कौन हो तुम जो मेरे स्वप्नों में समाये हुए हो

कौन हो तुम जो मेरी  नींदें उड़ाए हुए  हो

कौन हो तुम जो मेरी साँसों में समाये हुए हो

कौन हो तुम अपने प्रेम में बन्दी बनाये हुए हो
@मीना गुलियानी 

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