कैसे मैं भुला पाऊँगा अपनी वो मुलाक़ात की बात
हँसते हँसते ही कट जाती थी मेरी हर इक रात
तेरी आँखों से की जाम पिए थे मैंने
तेरे रुखसार पे की वादे किये थे मैंने
रंग और नूर में वो भीगी सी रात
तेरे ही प्यार से जीने का सलीका सीखा
कैसे हर चोट में मुस्काएँ तरीका सीखा
सिलसिला प्यार में मिट जाने की रात
तुमसे मिलने में कई बार तो नाकाम हुए
कभी मिल भी लिए तो यूँ ही बदनाम हुए
शोक में डूबी हसरतों के सोग की रात
@मीना गुलियानी
हँसते हँसते ही कट जाती थी मेरी हर इक रात
तेरी आँखों से की जाम पिए थे मैंने
तेरे रुखसार पे की वादे किये थे मैंने
रंग और नूर में वो भीगी सी रात
तेरे ही प्यार से जीने का सलीका सीखा
कैसे हर चोट में मुस्काएँ तरीका सीखा
सिलसिला प्यार में मिट जाने की रात
तुमसे मिलने में कई बार तो नाकाम हुए
कभी मिल भी लिए तो यूँ ही बदनाम हुए
शोक में डूबी हसरतों के सोग की रात
@मीना गुलियानी
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