तुमको भूल जाने की कोशिश में
यूँ ही दिन रात जीते मरते हैं
यूँ ही यादों में दिन गुज़रता है
लम्हे यूँ ही मेरे गुजरते हैं
सोचा न था कि दिन ऐसा भी कभी आएगा
तेरा साया भी कभी दूर मुझसे जाएगा
हमने तो तुझे अपने सीने में छिपा रखा था
क्या पता था दामन छुड़ाके निकल जाएगा
बीते लम्हो की यादें ही सिर्फ बाकी हैं
वो पल जो गुज़रे साथ वही मेरे साथी हैं
यकीं है मुझे तुम भी न भुला पाओगे
मेरी दुनिया में फिर से लौट आओगे
@मीना गुलियानी
यूँ ही दिन रात जीते मरते हैं
यूँ ही यादों में दिन गुज़रता है
लम्हे यूँ ही मेरे गुजरते हैं
सोचा न था कि दिन ऐसा भी कभी आएगा
तेरा साया भी कभी दूर मुझसे जाएगा
हमने तो तुझे अपने सीने में छिपा रखा था
क्या पता था दामन छुड़ाके निकल जाएगा
बीते लम्हो की यादें ही सिर्फ बाकी हैं
वो पल जो गुज़रे साथ वही मेरे साथी हैं
यकीं है मुझे तुम भी न भुला पाओगे
मेरी दुनिया में फिर से लौट आओगे
@मीना गुलियानी
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