नहीँ कहती आपसे चाँद तारे तोड़ लाओ
@मीना गुलियानी
जब आते हो एक मुस्कान साथ लाओ
नहीँ कहती कि मुझे सबसे ज्यादा चाहो
पर प्यार की एक नज़र तो उठाया करो
नहीँ कहती कि बाहर खिलाने ले जाओ
पर एक पहर साथ बैठके तो खाया करो
नहीँ कहती कि हाथ तुम भी बंटाओ मेरा
पर कितना करती हूँ देख तो जाया करो
नहीँ कहती कि हाथ पकड़कर चलो मेरा
पर कभी दो कदम तो साथ आया करो
यूँ ही गुज़र जाएगा सफर भागते भागते
एक पल थक के साथ बैठ जाया करो
नहीँ कहती कि कई नामो से पुकारो
एक बार फुर्सत से 'सुनो'कह जाया करो
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