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शुक्रवार, 4 नवंबर 2016

जान गई मैं भी जान गई

जान गई मैं तुमको जान गई 
काहे आये हो मुझको सताने 
मोरा भोला जियरवा लुभाने को 

तोरा मनवा भया है दीवाना 
आये तुझको भी दिल को लुभाना 
जान गई मैं भी जान गई 
हार गई तुमसे मैं बालम 
काहे उलझे हो नैना लड़ाने को 

भूली सारी जिया की मैं बतियाँ 
लिख लिख भेजी तुझको जो पतियाँ 
जान गई मैं भी जान गई 
वैरी मोरा जियरवा न माने 
बोलो काहे को आये रिझाने को 

पूछें हँस हँस के सारी ये सखियाँ 
कहदूँ कैसे पिया की मैं बतियाँ 
जान गई मैं भी जान गई 
काहे तू मोहे सताये 
क्यों न आए तू मोहे मनाने को 
@मीना गुलियानी 

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