मुझको याद आ रहा है
मेरा वो गुज़रा जमाना
वो तेरा यूँ दूर जाना
फिर लौटके न आना
हाथों से चेहरे को छिपाना
होले होले से पर्दा गिराना
बन्द आँखों से वो शर्माना
भीगी पलकों से मुस्कुराना
याद आती हैं भोली अदाएं
वो लरजती हुई सी सदायें
फैली बाहें जो मुझको बुलायें
कहदो हमपे न बिजली गिराएं
उफ़ ये तेरी बिखरी सी जुल्फें
छीनती हैं सुकून तुझसे मिलके
कहीँ करदे न टुकड़े ये दिल के
कैसे भूलें वो लम्हें ख़ुशी के
@मीना गुलियानी
मेरा वो गुज़रा जमाना
वो तेरा यूँ दूर जाना
फिर लौटके न आना
हाथों से चेहरे को छिपाना
होले होले से पर्दा गिराना
बन्द आँखों से वो शर्माना
भीगी पलकों से मुस्कुराना
याद आती हैं भोली अदाएं
वो लरजती हुई सी सदायें
फैली बाहें जो मुझको बुलायें
कहदो हमपे न बिजली गिराएं
उफ़ ये तेरी बिखरी सी जुल्फें
छीनती हैं सुकून तुझसे मिलके
कहीँ करदे न टुकड़े ये दिल के
कैसे भूलें वो लम्हें ख़ुशी के
@मीना गुलियानी
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