कैसे तुझे मैं अपने दिल से भुलाऊँ
बसते हो तुम दिल की गहराईयों में
हर बात में तेरा जिक्र कैसे न लाऊँ
तुम तो मौसम की तरह बदल जाते हो
फिर भी खुद के साये से लिपटा पाऊँ
तेरा वजूद ऐसे जर्रे जर्रे में है समाया
तेरा अक्स खुद से जुदा न कर पाऊँ
@मीना गुलियानी
बसते हो तुम दिल की गहराईयों में
हर बात में तेरा जिक्र कैसे न लाऊँ
तुम तो मौसम की तरह बदल जाते हो
फिर भी खुद के साये से लिपटा पाऊँ
तेरा वजूद ऐसे जर्रे जर्रे में है समाया
तेरा अक्स खुद से जुदा न कर पाऊँ
@मीना गुलियानी
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