तुझे कैसे कह दूँ मैं खुश नहीं
तेरे दिल में लाखों सवाल हैं
क्या जवाब दूँ यही सोचूँ मैं
तेरे सामने मेरा हाल है
ये जिंदगी बेसबब सी है
ये रौशनी न मतलब की है
तू नहीं जब मेरे पास तो
सब रौनके भी मुहाल हैं
किस काम की ये जिंदगी
जो किसी के काम न आ सके
शिकवे शिकायतें क्या करूँ
मेरे दिल की कब मज़ाल है
सारी हसरतें तेरे दम से हैं
मेरी हर ख़ुशी तेरे दम से है
तू है बेखबर कैसे कहूँ
तुझे कितना मेरा ख्याल है
@मीना गुलियानी
तेरे दिल में लाखों सवाल हैं
क्या जवाब दूँ यही सोचूँ मैं
तेरे सामने मेरा हाल है
ये जिंदगी बेसबब सी है
ये रौशनी न मतलब की है
तू नहीं जब मेरे पास तो
सब रौनके भी मुहाल हैं
किस काम की ये जिंदगी
जो किसी के काम न आ सके
शिकवे शिकायतें क्या करूँ
मेरे दिल की कब मज़ाल है
सारी हसरतें तेरे दम से हैं
मेरी हर ख़ुशी तेरे दम से है
तू है बेखबर कैसे कहूँ
तुझे कितना मेरा ख्याल है
@मीना गुलियानी
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें