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सोमवार, 27 अगस्त 2018

वो गुज़रा ज़माना

आज फिर याद आया वो गुज़रा ज़माना
वो हर बात पर हमेशा तेरा यूँ मुस्कुराना

 मुहल्ले में मोटरसाईकिल पर चक्कर लगाना
बिना काम के भी सबसे मिलते हुए चले आना

वो सैर , सपाटे , दोस्तों संग पिकनिक मनाना
हर पल को बेफ़िक्री यूँ ही से ठहाकों में बिताना

एक पल को भी न कभी भी यूँ खाली गंवाना
हर पल ज़िन्दगी का है आखिरी पल समझाना

उन बीते लम्हों का अब मुझ पर ही  कहर ढाना
कोई तो कहीं से लौटा दे मुझे वो गुज़रा ज़माना
@मीना गुलियानी

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