यह ब्लॉग खोजें

मंगलवार, 26 मई 2020

दूर ले जायेगी

दूर ले जायेगी हमको ये ज़िद हमारी
कुछ काम न आएगी ये होशियारी
अगर तूने न निभाई ये जिम्मेदारी
आ जायेगी जान आफत में तुम्हारी 
फिर न कहना मैं इक अबला बेचारी
घर को हमेशा स्वर्ग बनाती है नारी
ऐसे काम को न समझो तुम भारी
छोड़ो ज़िद अब तुम अपनी ऐ नारी
@मीना गुलियानी 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें