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बुधवार, 27 मई 2020

तुम समझते नहीं

प्यार की ये मूक भाषा तुम समझते नहीं
आँसुओं से लिखी गाथा तुम समझते नहीं
मोती की लड़ियों जैसे दिल को पिरो दिया
सांसों की सरगम की तारों को पिरो दिया
दिल की धड़कन बज उठेगी गूंजेंगे तार
राग छेड़ देंगे सुर ये सारे गायेगा संसार
@मीना गुलियानी

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