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गुरुवार, 14 मई 2020

अतीत की सुरंग

अतीत की सुरंग से गुज़रते रहते हैं
कितने ग़म जिंदगी के भी सहते हैं
अतीत के पन्ने भी जुड़े ही रहते हैं
सारे एहसास हमारे  साथ रहते हैं
लेकिन हम मुँह से कुछ न कहते हैं
@मीना गुलियानी 

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