यह ब्लॉग खोजें

बुधवार, 13 मई 2020

फुरसत ही नहीं है

आजकल आदमी ज्यादा मसरूफ़ है
 उसे  मिलने की फुरसत ही नहीं है
देखा जाए तो उसे कोई काम नहीं है
 वो यही कहेगा फुरसत ही नहीं है
गुज़र जाएगा जो वो पल भी यही है
पछतायेगा याद करके जिसे यही है
@मीना गुलियानी 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें