आज सुहानी बरखा आई
धरती भी कितनी हर्षाई
फूल लगे देखो इतराने
भँवरे भी लगे मंडराने
कोयल ने फिर कूक मचाई
छमछम करती बारिश आई
कोंपल पर लगी मोती सी
दमके हीरे नग की जैसी
धरती की हरियांली देखो
चंदा का शर्माना देखो
बदली में जाके छुप गया वो
तारों को लेके संग लिए वो
मोर लगा झूमने नाचने
पी पी करके बोला पपीहा
मेघ ने पानी दिया बरसा
धरती की दी प्यास बुझा
@मीना गुलियानी
धरती भी कितनी हर्षाई
फूल लगे देखो इतराने
भँवरे भी लगे मंडराने
कोयल ने फिर कूक मचाई
छमछम करती बारिश आई
कोंपल पर लगी मोती सी
दमके हीरे नग की जैसी
धरती की हरियांली देखो
चंदा का शर्माना देखो
बदली में जाके छुप गया वो
तारों को लेके संग लिए वो
मोर लगा झूमने नाचने
पी पी करके बोला पपीहा
मेघ ने पानी दिया बरसा
धरती की दी प्यास बुझा
@मीना गुलियानी
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