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रविवार, 8 जुलाई 2018

मूक पुकार न की

नीरव निशीथ में चन्द्र किरण
ज्योत्स्ना हास से धवलित हो

सच कहना तव उर सपनों में
मिलने की मृदु मनुहार न थी

क्या कभी तुम्हारे प्राणों ने
प्रियतम की मूक पुकार न की
@मीना गुलियानी 

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