कुछ मीठे सुनहरे पल
आकर ठहर गए दो घड़ी
मेरे घर की दहलीज़ पर
वो भीनी यादें लाकर इस
बारिश में सराबोर करेंगे
मैं भी भीगना चाहती हूँ
उन पलों को अपने आँचल में
समेटकर रखना चाहती हूँ
वो पल बहुमूल्य धरोहर हैं
जो बचपन से यौवन की
लम्बी दूरी तय करके आये हैं
उन पलों के लिए मैंने अपने
घर का दरवाज़ा खुला रखा है
पता नहीं कब वो भीतर आएँ
ठंडी हवा लायें और बारिश की
भीनी सौंधी सी खुशबु से
मेरे घर को भी वो महकाएं
@मीना गुलियानी
आकर ठहर गए दो घड़ी
मेरे घर की दहलीज़ पर
वो भीनी यादें लाकर इस
बारिश में सराबोर करेंगे
मैं भी भीगना चाहती हूँ
उन पलों को अपने आँचल में
समेटकर रखना चाहती हूँ
वो पल बहुमूल्य धरोहर हैं
जो बचपन से यौवन की
लम्बी दूरी तय करके आये हैं
उन पलों के लिए मैंने अपने
घर का दरवाज़ा खुला रखा है
पता नहीं कब वो भीतर आएँ
ठंडी हवा लायें और बारिश की
भीनी सौंधी सी खुशबु से
मेरे घर को भी वो महकाएं
@मीना गुलियानी
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