हर तूफ़ां को इशारा मिलेगा
हर लहर को किनारा मिलेगा
उठेंगीं मोजें समुन्द्र में जब भी
किश्ती को लेकिन धारा मिलेगा
हम वो नहीं बैठ जाएँ जो थककर
अभी हौसला और यकीं है खुद पर
चाहे लाख तूफ़ां राहों में आएँ
पूरा करेंगे जो शुरू किया है सफर
हैं फौलादी बाजू उमंगें जवां हैं
दिलों में उमड़ा हुआ तूफ़ां है
ये सफर तो जैसे इक इम्तहाँ है
बताए कोई मेरी मंजिल कहाँ है
@मीना गुलियानी
हर लहर को किनारा मिलेगा
उठेंगीं मोजें समुन्द्र में जब भी
किश्ती को लेकिन धारा मिलेगा
हम वो नहीं बैठ जाएँ जो थककर
अभी हौसला और यकीं है खुद पर
चाहे लाख तूफ़ां राहों में आएँ
पूरा करेंगे जो शुरू किया है सफर
हैं फौलादी बाजू उमंगें जवां हैं
दिलों में उमड़ा हुआ तूफ़ां है
ये सफर तो जैसे इक इम्तहाँ है
बताए कोई मेरी मंजिल कहाँ है
@मीना गुलियानी
नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी यह प्रस्तुति BLOG "पाँच लिंकों का आनंद"
( http://halchalwith5links.blogspot.in ) में
गुरुवार 20 सितम्बर 2018 को प्रकाशनार्थ 1161 वें अंक में सम्मिलित की गयी है।
प्रातः 4 बजे के उपरान्त प्रकाशित अंक अवलोकनार्थ उपलब्ध होगा।
चर्चा में शामिल होने के लिए आप सादर आमंत्रित हैं, आइयेगा ज़रूर।
सधन्यवाद।
ये सफर तो जैसे इक इम्तहाँ है
जवाब देंहटाएंबताए कोई मेरी मंजिल कहाँ है
सुन्दर भावों को बखूबी शब्द जिस खूबसूरती से तराशा है। काबिले तारीफ है।
हर तूफ़ां को इशारा मिलेगा
जवाब देंहटाएंहर लहर को किनारा मिलेगा
उठेंगीं मोजें समुन्द्र में जब भी
किश्ती को लेकिन धारा मिलेगा...सुन्दर भाव
" हैं फौलादी बाजू उमंगें जवां हैं
जवाब देंहटाएंदिलों में उमड़ा हुआ तूफ़ां है "
।। बहुत ही सुंदर रचना ।।
☺️