स्वप्न हुए सिन्दूरी अपने
इस मतवाली बारिश में
टिपटिप बरसा है पानी
छत पे रात भर बारिश में
बच्चों ने फिर नाव बनाई
पोखर तलैया में चलाई
पकौड़े और जलेबी खाई
इस मदमाती बारिश में
भीगी है धरती की चूनर
इस रुपहली बारिश में
मौसम फिर गुलज़ार हुआ
रिमझिम सी इस बारिश में
@मीना गुलियानी
इस मतवाली बारिश में
टिपटिप बरसा है पानी
छत पे रात भर बारिश में
बच्चों ने फिर नाव बनाई
पोखर तलैया में चलाई
पकौड़े और जलेबी खाई
इस मदमाती बारिश में
भीगी है धरती की चूनर
इस रुपहली बारिश में
मौसम फिर गुलज़ार हुआ
रिमझिम सी इस बारिश में
@मीना गुलियानी
बहुत ही सुन्दर रचना मीना दी
जवाब देंहटाएंबारिश का आगमन ख़ुशियाँ ले के आता है ... हर किसी को उसकी चाह आयु और भाव अनुसार बहा ले जाता है ...
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना ...