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सोमवार, 24 सितंबर 2018

अपने जीवन की वीणा

ओ  जीने  वाले हँसते हँसते जीना

आँसू तेरे छलक न जाएँ
छलक कर ढलक न जाएँ
आँखों में ही इनको पीना

सूरज डूबे कभी न तेरा
जब तू जागे तभी सवेरा
तेरा रंग बदले कभी ना

बिजली तुझको राह दिखाए
सुख के स्वर में बजा बाँवरे
अपने  जीवन की वीणा
@मीना गुलियानी 

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