यह ब्लॉग खोजें

शनिवार, 8 सितंबर 2018

लट ये बिखर जायेगी

ऐ चाँद कुछ देर के लिए तू छिप जा
मुझे एक झलक उसे देख लेने दे
तेरे आने से वो शर्मा जाती है लेकिन
तेरे ओझल होने पर वो नज़र आएगी

सितारे फ़लक पे चमकने दो ज़रा
मेरी उम्मीद को भी जगने दो ज़रा
बाज़ी किस्मत की भी पलट जायेगी
उसके रुख पे लट ये बिखर जायेगी
@मीना गुलियानी 

2 टिप्‍पणियां: