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गुरुवार, 13 सितंबर 2018

हम संग और झूमें ज़मी

है प्यारा सफर और कितना हसीं
सुहाना है मौसम और संग हमनशीं

कितने प्यारे ये गुलशन यहाँ हैं
फूल हर रंग के सब यहाँ हैं
प्यारे प्यारे हैं नज़ारे नज़र लगे न कहीं

लहरें टकरातीं जब भी यहाँ हैं
उमंगें दिल की हो जाती जवां हैं
खूबसूरत ये समां है बदल न जाए कहीं

चाँद तारों का लगता है मेला
मेले में भी क्यों दिल है अकेला
चलो साथी झूमें हम संग और झूमें ज़मी
@मीना गुलियानी 

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