यह ब्लॉग खोजें

शनिवार, 29 सितंबर 2018

भारत को उच्च शिखर पहुँचाया

आज फिर धूप आँगन में खिल उठी
मन के आकाश पर छितरा गई
कैनवास पर अक्स उभरने लगे
तूलिका रंग से भरकर चलने लगी
हरे रंग से धरा की हरीतिमा झलकी
सुनहरे रंग से धूप की किरणें चमकी
हथेली मेहँदी रचाकर माथे बिंदिया लगा
फूलों के कर्णफूल पहन धरा दुल्हन सी दमकी
पैरों में महावर  रचाकर रुनझुन पायल खनकी
गले में पहनी फूलमाला ओढ़ा पत्तों का दुशाला
काजल बदरी से चुरा धरा ने नैनो में लगाया
मांग में सिन्दूरी फूल चले झूमती उड़ाके धूल
स्वप्न हुए उसके सिन्दूरी हर आशा करने को पूरी
धरती ने खलिहान सजाया धन धान्य उपजाया
नए नए आयामों से भारत को उच्च शिखर पहुँचाया
@मीना गुलियानी

2 टिप्‍पणियां: