उठाए जा रंजो -ओ सितम और जिए जा
न शिकवा जुबां पे ला अश्क अपने पिए जा
यही तेरी किस्मत का फैसला ऐ दिल
उठाए जा दर्दो -अलम दुआएँ दिए जा
सताये ज़माना तू परवाह न करना
उसी की इबादत का सहारा लिए जा
कोई गम नहीं गर जान भी जाए
तू चौखट पे उसकी सदायें दिए जा
@मीना गुलियानी
न शिकवा जुबां पे ला अश्क अपने पिए जा
यही तेरी किस्मत का फैसला ऐ दिल
उठाए जा दर्दो -अलम दुआएँ दिए जा
सताये ज़माना तू परवाह न करना
उसी की इबादत का सहारा लिए जा
कोई गम नहीं गर जान भी जाए
तू चौखट पे उसकी सदायें दिए जा
@मीना गुलियानी
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें