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शुक्रवार, 7 सितंबर 2018

मैं उदास नहीं

मैं भाव भरी हूँ इक बदली
आज आँगन तेरे बरस गई
कितनी दुविधा में तुमसे मिली
अखियाँ भादो सी बरस गईं

कितने वो स्वप्न सुहाने थे
गुज़रे वो कल के ज़माने थे
थे कुछ वो ख़्वाब अधूरे से
 लब पर दिल के फ़साने थे

उस पल का अब एहसास नहीं
लगता ही नहीं तू पास नहीं
मेरे दिल में समाया रहता है
अब देख मुझे मैं उदास नहीं
@मीना गुलियानी 

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