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सोमवार, 2 अप्रैल 2018

तुम ही मेरे प्राण आधारा

मैं तो माटी का दिया हूँ
तुम ही इसकी बाती हो
साँसे मेरी तब ही चलेंगी
जब तक दिया और बाती है
बिन बाती के मोल नहीं कुछ
बाती से ही दीप हो रोशन
ऐसे ही तुम जीवन को मेरे
अपने प्रेम से करते रोशन
मन मेरा इक अँधा कुँआ है
तुमसे ही फैला उजियारा
तुम ही तो जीवन धन मेरे
तुम ही मेरे प्राण आधारा
@मीना गुलियानी 

3 टिप्‍पणियां:

  1. ३महाराज भवानी,ब्रह्म भुवन की रानी-सूरदास
    ४जय दुर्गे DURGE दुर्गति परिहारिणी
    शुम्भ विदारिणी मातु भवानी-ब्रह्मानंद
    ५पार्वती महामाया श्री
    दुखभंजनी मधुभाशिनी
    हर की प्रिया नारायणी-पारम्परिक
    PRSTUTI===ASHOK

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  2. • . कृतज्ञता
    से बड़ा हुआ मैं1तुम्हारी करुण
    अपने पैरों पर खड़ा हुआ मैं
    अपना पक्ष जग में रख पाया
    सही गलत में अन्तर कर पाया
    2 तुमने ही सब कुछ बतलाया
    तुमने ही सब कुछ सिखलाया
    जीवन में आशा दी धीरज बँधाया
    घोर अंधेरे में दीप जलाया
    3 दुख में तुम हो क्यों घबराते
    दुख सुख तो हैं आते जाते
    बुरा वक्त तो क्ट जायेगा
    सत्य सदा ही मुसकायेगा
    अपने साहस को न छोड़ो
    4 कहा तूफानों से लड़ना सीखो
    दुख में भी मुसकुराना सीखो
    विपरीत हल में जीना सीखो
    जीवन सफल बनाना सीखो
    5जीवन में अगर तुम न आते
    यह सब बातें न बतलाते
    आँसू पोंछ ना धीर बंधाते
    तब में कुछ नहीं कर पाता
    बेबस हो के रह जाता
    6तुम हो तेजस्वी मुझे भी बनाओ
    तुम हो शूरवीर मुझे भी बनाओ
    तुम हो बलशाली मुझे भी बनाओ
    अनुचित पर क्रोध करना सिखाओ
    7यह सच है इस जग मेँ
    बहुत बलशाली है काल
    उससे भी ज्यादा हो बलशाली
    हो तुम प्रभु महाकाल(जिसकी छाया अमृत के समान हे)
    तुम्हारी करुणा से बड़ा हुआ मैं
    अपने पैरों पर खड़ा हुआ मैं
    ashok

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