मैं तो माटी का दिया हूँ
तुम ही इसकी बाती हो
साँसे मेरी तब ही चलेंगी
जब तक दिया और बाती है
बिन बाती के मोल नहीं कुछ
बाती से ही दीप हो रोशन
ऐसे ही तुम जीवन को मेरे
अपने प्रेम से करते रोशन
मन मेरा इक अँधा कुँआ है
तुमसे ही फैला उजियारा
तुम ही तो जीवन धन मेरे
तुम ही मेरे प्राण आधारा
@मीना गुलियानी
तुम ही इसकी बाती हो
साँसे मेरी तब ही चलेंगी
जब तक दिया और बाती है
बिन बाती के मोल नहीं कुछ
बाती से ही दीप हो रोशन
ऐसे ही तुम जीवन को मेरे
अपने प्रेम से करते रोशन
मन मेरा इक अँधा कुँआ है
तुमसे ही फैला उजियारा
तुम ही तो जीवन धन मेरे
तुम ही मेरे प्राण आधारा
@मीना गुलियानी
nice-true
जवाब देंहटाएं३महाराज भवानी,ब्रह्म भुवन की रानी-सूरदास
जवाब देंहटाएं४जय दुर्गे DURGE दुर्गति परिहारिणी
शुम्भ विदारिणी मातु भवानी-ब्रह्मानंद
५पार्वती महामाया श्री
दुखभंजनी मधुभाशिनी
हर की प्रिया नारायणी-पारम्परिक
PRSTUTI===ASHOK
• . कृतज्ञता
जवाब देंहटाएंसे बड़ा हुआ मैं1तुम्हारी करुण
अपने पैरों पर खड़ा हुआ मैं
अपना पक्ष जग में रख पाया
सही गलत में अन्तर कर पाया
2 तुमने ही सब कुछ बतलाया
तुमने ही सब कुछ सिखलाया
जीवन में आशा दी धीरज बँधाया
घोर अंधेरे में दीप जलाया
3 दुख में तुम हो क्यों घबराते
दुख सुख तो हैं आते जाते
बुरा वक्त तो क्ट जायेगा
सत्य सदा ही मुसकायेगा
अपने साहस को न छोड़ो
4 कहा तूफानों से लड़ना सीखो
दुख में भी मुसकुराना सीखो
विपरीत हल में जीना सीखो
जीवन सफल बनाना सीखो
5जीवन में अगर तुम न आते
यह सब बातें न बतलाते
आँसू पोंछ ना धीर बंधाते
तब में कुछ नहीं कर पाता
बेबस हो के रह जाता
6तुम हो तेजस्वी मुझे भी बनाओ
तुम हो शूरवीर मुझे भी बनाओ
तुम हो बलशाली मुझे भी बनाओ
अनुचित पर क्रोध करना सिखाओ
7यह सच है इस जग मेँ
बहुत बलशाली है काल
उससे भी ज्यादा हो बलशाली
हो तुम प्रभु महाकाल(जिसकी छाया अमृत के समान हे)
तुम्हारी करुणा से बड़ा हुआ मैं
अपने पैरों पर खड़ा हुआ मैं
ashok