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बुधवार, 4 अप्रैल 2018

हम भी जी न पायेंगे

जिंदगी में जीने के कई पड़ाव आयेंगे
गुज़रोगे जहाँ से तुम हम साथ आयेंगे

खाएँ गर ठोकर तो तुम बचा लेना
देना सहारा गिरे गर तो उठा लेना
दिलों में अब कभी फांसले न आयेंगे

बहारें बीत गईं तो खिज़ा भी जायेगी
ये बहारें फिर लौटकर भी आयेंगी
दिन सुहाने जो गुज़रे साथ लौट आयेंगे

अजीब सी बेकरारी घेर लेती है मुझको
तन्हाईयाँ बोलती हैं तुम पुकारो मुझको
जुदा जो तुमसे हुए हम भी जी न पायेंगे
@मीना गुलियानी 

3 टिप्‍पणियां:

  1. खाएँ गर ठोकर तो तुम बचा लेना
    देना सहारा गिरे गर तो उठा लेना
    दिलों में अब कभी फांसले न आयेंगे--------
    वाह !!!!!! बहत सुंदर भाव प्रणव गीत !!!!!!!!!!!!!!!!!!

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