जीवन में न जाने कैसे मुकाम
हमे कहाँ से कहाँ ले आते हैं
कितने ही टेढ़े मेढ़े रास्ते, घुमाव
मंज़िल की राह में आते हैं
जाने कितने ही तूफ़ान दिल में
वो उठाते हैं ,जाने कितने ही
अन्जान मुसाफिर टकराते हैं
कितने संगदिल इंसान हमसफ़र
बन जाते हैं , फिर पलक झपकते
ही वो ओझल भी हो जाते हैं और
हम उन्हें ढूँढ ही नहीं पाते हैं
उनकी तलाश में हम सिर्फ
भटकते ही रह जाते हैं
@मीना गुलियानी
हमे कहाँ से कहाँ ले आते हैं
कितने ही टेढ़े मेढ़े रास्ते, घुमाव
मंज़िल की राह में आते हैं
जाने कितने ही तूफ़ान दिल में
वो उठाते हैं ,जाने कितने ही
अन्जान मुसाफिर टकराते हैं
कितने संगदिल इंसान हमसफ़र
बन जाते हैं , फिर पलक झपकते
ही वो ओझल भी हो जाते हैं और
हम उन्हें ढूँढ ही नहीं पाते हैं
उनकी तलाश में हम सिर्फ
भटकते ही रह जाते हैं
@मीना गुलियानी
वाह बहुत सुन्दर मीना जी।
जवाब देंहटाएंजीवन में hmare jb aadrsh khtm fail ho jate hainते हैं
जवाब देंहटाएंhm apne raste se bhtk jaate hain
मंज़िल hmko milti nhin
Hm niraash ho jaate hain
कितने praye इंसान हमसफ़र
बन जाते हैं ,
apna farj nibha kr gaayb ho jate hain
Voh munh se kuch nhin kehte
pr unke krm sb kh jaate hain
voh vada nhin krte
pr vada nibha jaate hain-ashok